नारा था 65 पार, लेकिन हो गया बंटाधार. झारखंड में पिछली बार 37 सीटें जीतकर AJSU पार्टी के साथ सरकार बनाने वाली बीजेपी इस बार 26 सीटोंं पर सिमट गई. पहली नजर में लग सकता है कि ये तो सिर्फ एक राज्य में हार का मामला है. लेकिन सच्चाई है कि ये हार एक कड़ी है, जो शुरू कहीं और से हुई थी, और शायद खत्म कहीं और होगी. इस हार का बोझ इतना बड़ा है कि बीजेपी के लिए उठाना मुश्किल हो सकता है.